ई-मेल का पूर्णरूप इलेक्ट्रॉनिक मेल है। ई-मेल के माध्यम से कोई व्यक्ति विशेष या यूजरों का समूह दुनियाभर में किसी से भी सन्देशों का आदान प्रदान कर सकता है। ई-मेल सन्देश के दो घटक होते हैं- ई-मेल एड्रेस और मैसेज।
सन 1971 में ARPANET के एक प्रोग्रामर Ray Tomlinson ने ईमेल बनाया
किसी भी ई-मेल प्रदाता की वेबसाइट जैसे- Gmail, Hotmail, yahoo mail पर साइन- अप (Sign-up) करके नये ई-मेल एड्रेस को यूजर द्वारा बनाया जा सकता है। ई-मेल का प्रयोग करके साधारण टैक्स्ट, डॉक्यूमेंट, ग्राफिक्स, ऑडियों, वीडियों और चित्र आदि भेजे जा सकते हैं।
ब्राउजर प्रोग्राम की तरह ई-मेल भेजने और प्राप्त करने के लिये विशेष ई-मेल प्रोग्राम या साॅफ्टवेयर होते है जैसे माइक्रोसाॅफ्ट आउटलुक तथा आउटलुक एक्सप्रेस आदि। और हम कुछ वेबसाइट की सहायता से भी अपना ई-मेल भेज तथा प्राप्त कर सकते है।
E-Mail Address (ई-मेल पता)–
ई-मेल भेजने और प्राप्त करने के लिए आपके पास कोई ई-मेल पता होना चाहिए। कोई ई-मेल पता किसी ई-मेल सर्वर पर ऐसा स्थान होता हैं, जहॉ आपकी ई-मेल स्टोर की जाती हैं। इस स्थान को मेल बॉक्स भी कहा जाता हैं।
कोई ई-मेल पता सामान्यतया निम्न रूप का होता हैं- username@hostname
कुछ वेब पोर्टल आपको मुफ्त में मेल बॉक्स बनाने की सुविधा भी देते हैं। ऐसे कुछ वेब पोर्टलों के नाम हैं – www.yahoo.com , www.rediffmail.com, www.e-patra.com, www.jagran.com आदि।
ई–मेल फोल्डर्स (E-mail Folders)
ये फोल्डर कुछ ऐसे विशेष फोल्डर होते हैं, जो सभी तरह के अकाउण्टस में होते हैं। ई-मेल सिस्टम के कुछ फोल्डरों के नाम है- इनबॉक्स, सेण्ट, ड्रॉफ्ट्स, जंक तथा ट्रैश। इन फोल्डरों के नाम बदले नहीं जा सकते हैं न ही इन्हें डिलीट किया (मिटाया) जा सकता है।
आउटबुक (Outbook)/Draft box—
आउटबुक भी ई-मेल अकाउण्ट का हिस्सा होता है, जिसमें भेजे गए ई-मेल जो पूर्णतया डिलीवर नहीं हुए हैं को स्टोर करता है। जब ई-मेल दिए हुए ई-मेल एड्रेस पर डिलीवर हो जाता है तब वो ई-मेल इस बॉक्स से निकलकर सेण्ट बॉक्स में स्टोर हो जाता है।
जंक (Junk)—
यह फोल्डर ई-मेल अकाउण्ट का वो हिस्सा हैं, जो कोई fake या स्पैम ई-मेल जिनमें वायरस जुड़ा हो या ऐसा कुछ जो आपका कीमती डाटा को चुरा या हैक करता हो, ऐसे ई-मेल इस फोल्डर में स्टोर होते हैं।
इनबॉक्स (inbox)–
इनबॉक्स ई-मेल अकाउण्ट में सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है जहाँ सभी प्राप्त ई-मेल देखे एवं एक्सेस किए जा सकते हैं। यह सभी प्राप्त ई-मेल को एक टेबल में दिनांक के हिसाब से व्यवस्थित करके रखता है, जिसे आसानी से कोई ई-मेल को खोजा जा सके।
Sent–
इस फोल्डर में वो ईमेल स्टोर होते है जो भेजे जा चुके है
Trash—
जो भी ईमेल हम डिलीट कर देते है वो ट्रैश में चला जाता है , वो वहा 30 दिनों तक रहता है उसके बाद , स्वतः ही डिलीट हो जाता है|
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