Classification of computer
Based on Generation
पहली पीढ़ी के कंप्यूटर – First Generation computer ( 1942-1954)-
इस पीढी के कंप्यूटर में वैक्यूम ट्यूब (Vacuum Tube) का प्रयोग किया जाता था, जिसकी वजह से इनका आकार बहुत बडा होता था और बिजली खपत भी बहुत अधिक होती थी।
दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर – Second generation computer (1955-1964)–
दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में वैक्यूम ट्यूब की जगह ट्रांजिस्टर का प्रयोग किया जाता था , जिसकी वजह से इनका आकार और बिजली की खपत कम हो गई।
तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर– Third generation computer (1964-1975)–
तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर के जगह पर इंटरग्रटेड सर्किट (IC) का प्रयोग शुरू हो गया इस प्रकार कंप्यूटर का अाकार बहुत छोटा हो गया|
चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर – Fourth generation computers (1975-1989)–
माइक्रोप्रोसेसर चौथी पीढी के कंप्यूटरों में आने लगे थे, इससे कंप्यूटरों का आकार कम हो गया और क्षमता बढ गयी। चुम्बकीय डिस्क की जगह अर्धचालक मैमोरी (Semiconductor memory) ने ले ली साथ ही उच्च गति वाले नेटवर्क का विकास हुआ जिन्हें आप लैन और वैन के नाम से जानते हैं। ऑपरेटिंग के रूप में यूजर्स का परिचय पहली बार MS DOS से हुआ, साथ ही कुछ समय बाद माइक्रोसॉफ्ट विंडोज भी कंप्यूटरों में आने लगी। इसी समय C भाषा का विकास हुआ, जिससे प्रोग्रामिंग करना सरल हुआ।इस Generation में VLSI technology( Very Large Scale Integrated circuits) technology का प्रयोग होता था।
माईक्रो प्रोसेसर(Microprocessor)—
यह एक चिप होता है जिसमें बहुत संख्या में IC (इंडीग्रेटेड सर्किड) लगा होता है, जिससे arithmetic and logic functions का कार्य होता है।
पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर – Fifth generation computers (1989 से अब तक)
Ultra Large-Scale Integration (ULSI) यूएलएसआई, ऑप्टीकल डिस्क जैसी चीजों का प्रयोग इस पीढी में किया जाने लगा, कम से कम जगह में अधिक डाटा स्टोर किया जाने लगा। जिससे पोर्टेबल पीसी, डेस्कटॉप पीसी, टेबलेट आदि ने इस क्षेञ में क्रांति ला दी। इंटरनेट, ईमेल, WWW का विकास हुआ। आपका परिचय विडोंज के नये रूपों से हुआ, जैसे । Example – laptop, palm computer.
नोट—IBM ( International Business Machines ) एक अमेरिकन IT कंपनी है
BASED ON PURPOSE—
Didital computer
डिजिटल कम्प्यूटर (Digital Computer) वैसे कंप्यूटर होते है जिनका इस्तेमाल सभी कार्यो को डिजिट के रूप में करते है जिसे बाइनरी नंबर सिस्टम कहते है । यह 0(off) और 1(on) पर कार्य करते है, हम विभिन्न अनुप्रयोगों जैसे शिक्षा, बैंकिंग, मनोरंजन इत्यादि मै डिजिटल कंप्यूटर का इस्तेमाल करते है।
Analog computer
Analog Computer वे Computer होते है जो भौतिक मात्राओ, जैसे- दाब (Pressure), तापमान (Tempressure), लम्बाई (Length), ऊचाई (Height) आदि को मापकर उनके परिमाप अंको में व्यक्त करते है ,जैसे- थर्मामीटर| उदाहरण, एक पट्रोल पम्प में लगा Analog Computer, पम्प से निकले पट्रोल कि मात्रा को मापता है और लीटर में दिखाता है तथा उसके मूल्य कि गणना करके Screen पर दिखाता हैं|
Hybrid computer
वे Computer जिनमे Analog Computer or Digital Computer दोनों के गुण हो Hybrid Computer कहलाते है जैसे- पेट्रोल पम्प की मशीन|
BASED ON SIZE —
Micro computer
इस Computer में Micro Processor का प्रयोग किया जाता है , इस Computer पर सामान्यतः एक ही व्यक्ति कार्य कर सकता हैं| example– Personal computer , desktop , laptop
Mini computer
मिनी कंप्यूटर, माइक्रो कंप्यूटर से , पावरफुल तथा अधिक उपयोगी होते हैं।मिनी कंप्यूटर का उपयोग डेटावेस मैनेजमेंट, इत्यादि में किया जाता है।उदाहरण—IBM AS/400e
Main frame computer
यह Mini Computer से अधिक गति व क्षमता वाले होते हैं|इनमे अत्यधिक मात्रा के Data पर तीव्रता से Process करने कि क्षमता होती है इसीलिए इनका उपयोग बड़ी कंपनियों, बैंको, रेल्वे आरक्षण विभाग द्वारा किया जाता हैं|
Super computer
ये सबसे अधिक गति वाले व अधिक क्षमता वाले Computer हैं| इनमे एक से अधिक व्यक्ति एक साथ कार्य कर सकते हैं| इसका प्रयोग मौसम से सम्बन्धी जानकारी तथा उपग्रहों के नियंत्रण में किया जाता है। उदाहरण—परम, मिहिर, प्रतुष् इत्यादि भारत में बने सुपर कंप्यूटर है।
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